Wednesday, May 2, 2012

भाव

भाव
-----

रोक लो-
शब्द.
सब,
अर्थहीन

सीमाहीन
शक्ति
उस पार -
तक रही
आँखें इस द्वार -
शक्तिहीन.

ढूँढ लो,
साथी -
पंक्तिहीन
पंखहीन.

यह पल -
यह भाव -
सिर्फ भेदहीन
संपर्क विहीन....

No comments:

Post a Comment