हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है....
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
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ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं।
मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि...
पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम
गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ....
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।।
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तू अपनी खूबियां ढूंढ
कमियां निकालने के लिए लोग हैं...
अगर रखना ही है कदम तो आगे रख,
पीछे खींचने के लिए लोग हैं...
सपने देखने ही है तो ऊंचे देख,
नीचा दिखाने के लिए लोग हैैं...
अपने अंदर जुनून की चिंगारी भड़का,
जलने के लिए लोग हैैं...
अगर बनानी है तो यादें बना,
बातें बनाने के लिए लोग हैं...
प्यार करना है तो गोकू से कर,
दुश्मनी करने के लिए लोग हैं...
रहना है तो बच्चा बनकर रह,
समझदार बनाने के लिए लोग हैं...
भरोसा रखना है तो ख़ुद पर रख,
शक करने के लिए लोग हैैं...
तू बस सवार ले ख़ुद को,
आईना दिखाने के लिए लोग हैं...
ख़ुद की अलग पहचान बना,
भीड़ में चलने के लिए लोग हैं...
तू कुछ करके दिखा दुनिया को,
तालियां बजाने के लिए लोग हैैं..
जो भी करना हैं तू आज कर
कल कहने के लिए लोग हैं.
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एक भीड़ सी है , इर्द गिर्द हमारे
एक तन्हाई सज रही, इर्द गिर्द हमारे।
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एक एक कर के लोग निकल आए धूप में,
जलने लगे थे जैसे सभी घर की छाँव में l
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देखते हैं अब किस की जान जायेगी;
उसने मेरी और मैंने उसकी कसम खाई हैं!
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जो देखने में बहुत करीब हैं,
उन्हीं के बारे में सोचो, तो फासला निकले...
(Those who are close to our hearts,
Thinking about them, one finds the distances)
Happy Friendship Day .....
पहले तो पिलाते हैं, फिर सबसे बताते हैं,
इस शख्स से न मिलना, वो शख्स शराबी है।
हंगामा है क्यों बरपा...
ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल।
मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे।।
ये कह कर मुझे मेरे दुश्मन हँसता छोड़ गए,
तेरे दोस्त काफी हैं तुझे रुलाने के लिए।
The magic you are looking for is in the work you are avoiding.
कुछ लोग जिंदगी होते हैं,
पर जिंदगी में नहीं होते।
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वो मुझ से बिछड़ कर अब तक रोया नहीं फराज़
कोई तो है हमदर्द जो उसे रोने नहीं देता
नहीं आती तो याद उनकी महीनों भर नहीं आती
मगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं
आयेगा लिखते लिखते ही लिखने का फ़न उन्हें
बच्चे खराब करते हैं कुछ कापियां ज़रूर
उस पार अब तो कोई तेरा मुन्तज़िर नहीं
कच्चे घड़े पर तैर कर जाना फिज़ूल है
वो मेरा सब कुछ था, बस मुकद्दर नहीं फराज़
काश वो मेरा कुछ नहीं बस मुकद्दर होता
न जा की आखिरी हिचकी को ज़रा गौर से सुन
ज़िन्दगी भर का खुलासा इसी आवाज़ में है
उसका किरदार परख लेना यकीन से पहले
मेरे बारे में जो तुमसे बुरा कहता होगा
अब उसे रोज़ न सोचूँ तो बदन टूटता है फ़राज़
इक उम्र हो गयी उसकी याद क नशा करते करते
मेरे बगैर कैसे गुज़री होगी उसकी कल की रात
उसकी आंख का फैला काजल सारी कहानी सुनाता है
वो बता रहा था बहुत दूर का सफर
ज़ंजीर खींच कर जो मुसाफिर उतर गया
ये धुंआ कम हो, तो पहचान मुमकिन हो शायद
यूँ तो वो जलता हुआ अपना ही घर लगता है
मैं ये समझा था, कि खत्म मेरी दास्तां हुई
वो बिछड़ कर और भी लम्बी कहानी कर गया
खुद को चुनते हुए दिन सारा गुज़र जाता है फ़राज़
फ़िर हवा शाम की चलती है तो बिखर जाते हैं
मोहब्बत तो वो पहली ही मोहब्बत थी फराज़
इसके बाद तो हर शक्स में ढूँढा उस को
सूखी शाखों पर तो हमने लहू छिड़का था फ़राज़
कलियां अब भी न खिलती तो कयामत होती
मोहब्बत की परस्तिश के लिये एक रात ही काफी है फराज़
सुबह तक जो ज़िन्दा रह जाये वो परवाना नहीं होता
उसका मिलना ही मुक्कद्दर में न था फ़राज़
वरना क्या कुछ नहीं खोया हमने उसे पाने के लिये
कुछ इसलिये भी तुम से मोहब्बत है फ़राज़
मेरा तो कोई नहीं है तुम्हारा तो कोई हो
ज़िन्दगी तो अपने ही कदमों पे चलती है फ़राज़
ग़ैरों के सहारे तो जनाज़े उठा करते हैं
जो भी बिछड़े हैं कब मिले हैं फ़राज़
फ़िर भी तू इंतज़ार कर शायद !!
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jindagee में अगर रिश्ते कायम रखने हैं तो झुक जाओ।
और अगर बार बार आपको झुकना पड़े तो रुक जाओ।
जिंदगी को मैंने कुछ ऐसे आसान कर दिया
कभी किसी से माफी मांग ली
तो कभी किसी को माफ कर दिया।
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जान दे सकता है क्या साथ निभाने के लिए
हौसला है तो बढ़ा हाथ मिलाने के लिए
ज़ख्मे-दिल इस लिए चेहरे पे सजा रखा है
कुछ तमाशा तो हो दुनिया को दिखाने के लिए
मैंने दीवार पे क्या लिख दिया खुद को इक दिन
बारिशें होने लगी मुझको मिटाने के लिए
इक झलक देख लें तुझको तो चले जाएंगें
कौन आया है यहां उम्र बिताने के लिए
फ़िल्म के परदे पे छपना कोई आसान नहीं
मरना पड़ता है यहाँ नाम कमाने के लिए
-शकील आज़मी
कुछ देर की खामोशी है फिर शोर आएगा,
तुम्हारा तो सिर्फ वक्त है, हमारा दौर आएगा l
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ज्यों शर्करा मिले सिकता मा
सूक्ष्म पिपिलका बिनु प्रयास ही पावे
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बस यही दो मसले, जिंदगी भर ना हल हुए!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!
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रघुपति! भक्ति करत कठिनाई।
कहत सुगम करनी अपार, जानै सोई जेहि बनि आई॥
जो जेहिं कला कुसलता कहँ, सोई सुलभ सदा सुखकारी॥
सफरी सनमुख जल प्रवाह, सुरसरी बहै गज भारी॥
ज्यो सर्करा मिले सिकता महँ, बल तैं न कोउ बिलगावै॥
अति रसज्ञ सूच्छम पिपीलिका, बिनु प्रयास ही पावै॥
सकल दृश्य निज उदर मेलि, सोवै निन्द्रा तजि जोगी॥
सोई हरिपद अनुभवै परम सुख, अतिसय द्रवैत बियोगी॥
सोक, मोह, भय, हरष, दिवस, निसि, देस काल तहँ नाहीं॥
तुलसीदास यहि दसाहीन, संसय निर्मूल न जाहीं
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मुस्कुराते तो वो भी हैं, और मुस्कुराते हम भी
हमें तो सितम याद आते हैं, जाने उन्हें कौन?
दहेज़ में बहू क्या लायी, यह सबने हरवक़्त पूछा…
पर बेटी क्या छोड़ आई, अब तक किसी ने ना सोचा …
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चलो न साथ चलते हैं समंदर के किनारों तक ,
किनारे पर ही देखेंगे किनारा कौन करता है।
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खामोशी सताती बहुत, कुछ झूठ तसल्ली को कह दो
मुस्कराते कहा उसने, हमें याद बहुत आते हो।
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ना जाने किस मिट्टी को, ख्वाइश मेरे वजूद की रही….
उतना तो मैं बना भी न था, जितना मिटा दिया गया ।
नफ़रत हो जायेगी तुझे, अपने ही किरदार पर
गर मैं तेरे ही अंदाज में, तुझसे बातें करुं…
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जिस आईने में आए न सनम तू नजर मुझे
वो आईना दिखाया दे सनम तू नजर मुझे
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