Wednesday, January 8, 2025

Shayaris

 नैरंगी--सियासत--दौराँ तो देखिए

मंज़िल उन्हें मिली जो शरीक--सफ़र थे
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उनकी नज़रो में फर्क अब भी नहीं,
पहले मुड़ के देखते थे, अब देख के मुड़ जाते हैं।

कुछ देर की खामोशी है , फिर शोर आएगा,
तुहारा सिर्फ वक्त आया है, हमारा दौर आएगा
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दिल बहुत तकलीफ में है और
तकलीफ देने वाले दिल में हैं।

ज़िंदगी और भी आसान हो जाती,
अगर वक्त से पहले लोगों की पहचान हो जाती...!

के बहुत सारे थे मेरे अपने इस दुनिया मे,
फिर इश्क़ हुआ और हम लावारिश हो गए

तुमसे मिलना जरूरी नहीं,
तुम्हारा मिल जाना जरूरी है।

मेरी बेबसी तो देखो फराज
वो मुझसे रोया किसी और के लिए।

गरज ये नहीं की दिया तेरा हो या मेरा हो,
बुझाने बालो की खवाइश है की बस अंधेरा हो।

नींद आएगी तो इस कदर सोएंगे
हमें जगाने के लिए लोग रोएंगे..!

तुझको पाने की तमन्ना में गुजारी होती।
एक जान और भी होती तो वो तुम्हारी होती।

अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझ को
मैं ने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं।

बहुत देर लगी हमें ये समझने में।
कि बहुत फर्क है मोहब्बत कहने और करने में.

सवाल जहर का नहीं था, वो तो मैं पी गया!
मगर तकलीफ लोगों को तब हुई, जब मैं जी गया!

ये दुनिया सपेरों की बस्ती है, रिश्ते बनाकर डसती है.. यहाँ भरोसा बहुत मँहगा है, नफ़रत बिलकुल सस्ती है.

एक जनाजे के खातिर सारा जहां निकला
एक वो ना निकला जिसके खातिर जनाजा निकला.

मगस को बाग़ में जाने दीजो
कि नाहक़ ख़ून परवाने का होगा

ये जो पत्थर के हो चुके हैं,
अपने हिस्से का रो चुके

मोहब्बत रही चार दिन ज़िंदगी में
रहा चार दिन का असर ज़िंदगी भर
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जिनसे बातें खत्म ही नहीं होती थीं,
उनसे बात ही खत्म हो गई।
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हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी साथ चलती है
हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है
अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है।
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में इसलिए भी जमाने में प्यारा हूं
मुझे पता है कहां कितना झूठ बोलना है।
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दूरी हुई तो उनसे, करीब और हम हुए
ये कैसे फ़ासले थे, जो बढ़ने से कम हुए।
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धोखा वफ़ा की राह में खाएं है हम ज़रूर,
लेकिन किसीके साथ में धोखा नहीं किया..

हमने गुज़ार दी है फकीरी में जिंदगी ,,
लेकिन कभी ज़मीर का सौदा नहीं किया..

दिल को जला के दी है ज़माने को रौशनी ,
जुगनू पकडके हमने उजाला नहीं किया।
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1 rupaiya Aur tan ke kapade
1000 roopaiya

बेर कैसे थे, ये शबरी से पूछो,
श्रीराम से पूछोगे तो मीठे ही कहेंगे।
ज़हर का स्वाद शिव से पूछो,
मीरा से पूछोगे तो अमृत ही कहेगी
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एक ही शख्स था जो समझता था मुझे,
फिर यूं हुआ वो भी समझदार हो गया।
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इसी से जान गया मैं कि बख़्त ढलने लगे
मैं थक के छाँव में बैठा तो पेड़ चलने लगे

मैं दे रहा था सहारे तो इक हुजूम में था
जो गिर पड़ा तो सभी रास्ता बदलने लगे
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Na Jane Kia Mujh Se ZAMANA Chahta Hai
Mera Dil Tor K Mujhay Hansana Chahta Hai
Na Jane Kya Bat Jhalakti Hai Mera Chahre Se
Har Shakhs Mujhe AZMANA chahata hai
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कुछ लोग जिंदगी होते हैं
मगर जिंदगी में नहीं होते

दुआ करना ऐसे ही मेरा दम निकले,
जितनी आसानी से तेरे दिल से हम निकले.

कि बहुत सारे थे मेरे अपने इस दुनिया मे,
फिर इश्क़ हुआ और हम लावारिश हो गए.

एक जनाजे के खातिर सारा जहां निकला
एक वो ना निकला जिसके खातिर जनाजा निकला

सुना है तुम्हे मोहब्बत करनी नहीं आती
मगर तुम बर्बाद कमाल के करते हो।

मोहब्बत बड़ी नामुराद चीज है
जिससे होती है वो किसी और का होता है।।

बनाकर अपना कुछ लोग
फिर खूब तमाशा बनाते हैं

यू ही गिरते गिरते एक दिन संभल जायेंगे
हम बदला नही लेंगे बस बदल जायेंगे

मैं हो तो जाऊं पहले जैसा
मगर मुझे याद नहीं मैं था कैसा.

वो मेरे घर नहीं आता मैं उस के घर नहीं जाता
मगर इन एहतियातों से तअ'ल्लुक़ मर नहीं जाता
खुले थे शहर में सौ दर मगर इक हद के अंदर ही
कहाँ जाता अगर मैं लौट के फिर घर नहीं जाता

i dont know how to thank you because i am not used to people caring for me but I am so lucky to have you in my life
Good friends are hard to find and impossible to forget

इंसान ना हंसकर सीखता हैं
ना रोकर सीखता हैं
या तो किसी का होकर सीखता हैं
य़ा किसी को खोकर सीखता हैं.

कौन आएगा यहाँ, कोई ना आया होगा
मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा
धूप में जलकर जो मेरे साथ आया होगा,
वो कोई और नहीं मेरा साया होगा।
यह जो दीवार पर हैं कुछ नक्श धुंधले धुंधले
उसने मेरा नाम लिख लिख कर मिटाया होगा।

हम तो दुश्मन को भी पाकीजा सजा देते हैं,
हाथ उठाते नहीं, नजरों से गिरा देते है।

अगर दिल में रखो, तो दिल से रखो...
वर्ना दिल रखने के लिये, दिल ना रखो।

जिंदगी और भी आसान हो जाती,
अगर वक़्त से पहले लोगों की पहचान हो जाती !!

वो मतलब से मिलता था
और मुझे  मिलने से मतलब था।

we judge others by their actions and we judge ourselves by intentions?

उम्र गुजरी है मांजते हैं खुद को
साफ हैं पर, चमक नहीं पाए।
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किया बादलों में सफ़र, ज़िन्दगी भर
ज़मीं पर बनाया ना घर, ज़िन्दगी भर
मोहब्बत रही चार दिन ज़िन्दगी में
रहा चार दिन का असर, ज़िन्दगी भर
- Anwar Shaoor

मंज़िलें लाख कठिन आएँ गुज़र जाऊँगा
हौसला हार के बैठूँगा तो मर जाऊँगा
चल रहे थे जो मेरे साथ कहाँ हैं वो लोग
जो ये कहते थे कि रस्ते में बिखर जाऊँगा
Saki Amrohi

जहाँ तक मुझसे मतलब है जहाँ को
वही तक मुझको पूछा जा रहा है
ज़माने पर भरोसा करने वालों
भरोसे का ज़माना जा रहा है
- Naeem Akhtar Khadimi

हमारा मसला यह है मजाक किससे करें
पुराना दोस्त तो अब एहतराम मांगता है।

जो दुकान हमने दान कर दी थी
अब उसी से उधार लेते हैं

किस तरफ को चलती है अब हवा नहीं मालूम
हाथ उठा लिए सबने पर दुआ नहीं मालूम।

दूरी हुई तो उनसे करीब और हम हुए
ये कैसे फ़ासले थे जो बढ़ने से कम हुए
- Waseem Barelvi

जिसको हर वक्त देखता हूं मैं
उसको बस एक बार देखा है।

तुझे प्यार करना नहीं आता मुझे प्यार के सिवा कुछ नहीं आता,
दो तरीके हैं दुनिया में जीने के, एक तुझे नहीं आता एक मुझे नहीं आता।

कुछ देर की खामोशी है, फिर शोर आयेगा
तुम्हारा सिर्फ़ वक्त आया है, हमारा दौर आयेगा!

कुछ कुछ बोलते रहो हमसे
चुप रहोगे तो लोग सुन लेंगे

अब पहुँची हो सड़क तुम गाँव
जब पूरा गाँव शहर जा चुका है
महेश चंद्र पुनेठा

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मंजिल तो तेरी यही थी,बस जिंदगी गुजर गई आते आते
क्या मिला तुझे इस दुनिया से,अपनों ने ही जला दिया तुझे जाते जाते

कुछ कुछ बोलते रहो हमसे
चुप रहोगे तो लोग सुन लेंगे

कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते,
एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें

The world admires the rejected ones, else the world will not be so colourful.
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सोच को बदलो
           
सितारे बदल जायेंगे,
नजर को बदलो
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नजारे बदल जाएंगे।
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कश्तियां बदलने की_
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जरुरत नहीं मेरे दोस्त,_
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दिशाओं को बदलो_
           _
किनारे बदल जायेंगे॥_
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Tujhe Pyar Karna Nahi Aata
Mujhe Pyar Ke Siwa Kuch Nai Aata
YaaronZindagi Main Jeene Ke Do Hi Tareeqe Hain
Ek Tujhe Nahi Aata Ek Mujhe Nai Aata..!!!

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आगे सफर था और पीछे हमसफर था..
रूकते तो सफर छूट जाता और
चलते तो हमसफर छूट जाता..

मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..
दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...

मुद्दत का सफर भी था और बरसो
का हमसफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....

यूँ समँझ लो,
प्यास लगी थी गजब की...
मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते.

बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!

वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!

सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।

"
हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है
और "किस्मत" महलों में राज करती है!!

"
शिकायते तो बहुत है तुझसे जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"..

अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!!
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया....
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. ......

लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ।

बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"
बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.

थक गया हूँ तेरी नौकरी से जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”

दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...
बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!

भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...

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