Sunday, October 2, 2011

अजीब

आइना ले कर फिरतें हैं,यह शहर बड़ा अजीब है.
सबको चहेरे दिखाने की आदत, ये  इंसान  बड़े अजीब हैं.

बगल में खड़ा मुस्कुरा रहा, यह दोस्त बड़ा अजीब है
मैं हादसे गुजर चूका, यह मुअम्मा बड़ा अजीब है.

तूपूछते मुझे मेरा ठिकाना, यह सवाल बड़ा अजीब है
अभी तक दिल में आपने नहीं झाँका, यह मोहब्बत मेरी अजीब है.

मंजिलों तक पहुँच जाते कभी  के ,ये रास्ते बड़े अजीब हैं.
पास रह कर भी हम दूर हैं, ये फासले बड़े अजीब हैं.



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