टूटी टहनी,
बिखरे पत्ते,
उजड़े नीड़,
बिलखती नन्ही सी चिड़िया।
कब देखा पलटकर
दूर जाते उस
मदमस्त हवा के झोंके ने?
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08 May 2015
बिखरे पत्ते,
उजड़े नीड़,
बिलखती नन्ही सी चिड़िया।
कब देखा पलटकर
दूर जाते उस
मदमस्त हवा के झोंके ने?
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08 May 2015
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