Sunday, April 21, 2019

लहरें



लहरों  को  देख  
मचल  उठते  लोग
अल्हड़ सी चाल इनकी
एक दूसरी की होड़ करती 
तेजी से लोटपोट होतीं 
दूर  से ही, लुभाती 
शोर में इनके भर जाता 
सारा सागर |
पटक देती किनारे
ढेर सारी सीपियाँ 
गुम हो जातीं - लहरें
उसी सागर की गोद |

जुट जाते बटोरने सीपियाँ 
रेत में -धंसते लोग
होड़ में लगे  
सीपियों  को निरखने परखने 
अंधे, बहरे -बदहवास लोग |
रेत -नदी ने बटोरे 
पहाड़ों के सीने छलनी कर
सागर में उँडेले
सब वापस किनारे-छोड़
सागर  में गुम हो जाती -
बलखाती लहरें |
छूने लहरों को - आगे बढ़ते 
फिर दूर भागते 
कुछ भाग लेते - कुछ गोते लगाते 
कुछ लहरों के साथ किनारे आते 
किलकारी   लगाते  -बौने लोग|

पर सागर का क्या -
अगिनत लहरें छिपा रखा -अपनी ही गोद
पुरानी लहरें - भूल 
नई से उलझ जाते 
भोले-भाले, भुलक्क़ड लोग |

बहुत कुछ छिपा -इस सागर में
धाराएं - दिखती नहीं
छिपी गहरे समुन्दर  में
चुपचाप-अत्यंत तीव्र
बदल देती दिशाएँ -लहरों की 

विरलों से एहसास किया
ढूढ़ते मोतियों को 
शांत धीर-मति  लोग |
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