खेल
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खेल रहे हैं - सब
अजीब एक खेल
कोई रखता नहीं हिसाब
कोई नहीं निर्णायक
कोई जीत नहीं - ना कोई हार
पर खेला जा रहा - यह अनोखा खेल |
उछल रही -एक गेंद
कभी इस हाथ- तो कभी उस हाथ
सिर्फ एक दर्शक
जिसकी यह गेंद
देख रहा मूक - किसके हाथ यह गेंद
सिर्फ एक नियम-
हाथ में किसीके - रखनी नहीं यह गेंद |
इसी नियम से अनभिज्ञ - दर्शक
देखता - उछलती गेंद, लुढ़कती गेंद
छिपती गेंद, हवा में तैरती गेंद
कहीं भी हो सकती , कभी भी उछल सकती |
परेशान दर्शक - बेबस, बेबाक , लाचार
समय पर समय बीतता जाता
गेंद बदलती आकार, जमा हो जाती धूल
नयी गेंद ले लेते-भूल पुरानी गेंद
कई गेंद - वही खेल,
व्यस्त खिलाड़ी
त्रस्त दर्शक |
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