Sunday, April 21, 2019

खेल


खेल
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खेल रहे हैं - सब 
अजीब एक खेल
कोई रखता नहीं हिसाब 
कोई नहीं निर्णायक
कोई जीत नहीं - ना कोई हार
पर खेला जा रहा  - यह अनोखा खेल |

उछल रही -एक गेंद 
कभी इस हाथ- तो कभी उस हाथ
सिर्फ एक दर्शक 
जिसकी यह गेंद 
देख रहा मूक - किसके हाथ यह गेंद 
सिर्फ एक नियम-
हाथ में किसीके - रखनी नहीं यह गेंद  |
इसी नियम से अनभिज्ञ - दर्शक 
देखता - उछलती गेंद, लुढ़कती गेंद
छिपती  गेंद, हवा में तैरती गेंद
कहीं भी हो सकती , कभी भी उछल सकती |

परेशान दर्शक - बेबस, बेबाक , लाचार 
समय  पर  समय बीतता जाता
गेंद बदलती आकार, जमा हो जाती धूल 
नयी  गेंद ले लेते-भूल पुरानी  गेंद 
कई गेंदवही खेल,
व्यस्त खिलाड़ी
त्रस्त दर्शक |
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